Guru Purnima 2024: Date, Significance, and Celebration | Complete Guide

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Guru Purnima 2024

Guru Purnima 2024: Date, Significance, and Celebration | Complete Guide

Guru Purnima 2024: Date, Significance, and Celebration | Complete Guide

Guru Purnima 2024 में गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा होती है, जो गुरुओं के प्रति सम्मान और श्रद्धा प्रकट करने के लिए समर्पित है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

Guru Purnima 2024

गुरु पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है जो गुरुओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार हिंदू, बौद्ध, और जैन धर्मों में विशेष महत्व रखता है। गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त के महीने में आती है।

गुरु पूर्णिमा का महत्व  Guru Purnima 2024

  1. गुरु का महत्व: गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं। गुरु का स्थान भारतीय संस्कृति में बहुत उच्च माना जाता है, क्योंकि गुरु शिष्य को ज्ञान, शिक्षा और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
  2. महर्षि वेद व्यास का जन्मदिन: इस दिन को महर्षि वेद व्यास के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्होंने महाभारत, 18 पुराण और वेदों का संपादन किया था। इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
  3. बौद्ध धर्म: बौद्ध धर्म में, गुरु पूर्णिमा को भगवान बुद्ध के पहले उपदेश के दिन के रूप में मनाया जाता है, जिसे धम्म चक्क पवत्तन सुत्त कहा जाता है। इस दिन बुद्ध ने अपने पांच शिष्यों को पहला उपदेश दिया था।

गुरु पूर्णिमा का उत्सव Guru Purnima 2024

  1. पूजा और आराधना: इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा करते हैं। कई लोग मंदिरों में जाकर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और गुरुओं को फूल, मिठाई, और अन्य उपहार भेंट करते हैं।
  2. ध्यान और सत्संग: कई स्थानों पर ध्यान सत्र, सत्संग और प्रवचन का आयोजन किया जाता है, जहां गुरु अपने शिष्यों को उपदेश देते हैं और उन्हें ज्ञान का मार्ग दिखाते हैं।
  3. भोजन वितरण: कई लोग इस दिन भोजन वितरण का आयोजन करते हैं, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन प्रदान किया जाता है।
  4. शिक्षण संस्थानों में उत्सव: कई स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों में भी गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं।

गुरु पूर्णिमा का त्योहार गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझने का एक अवसर है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे जीवन में गुरु का मार्गदर्शन कितना महत्वपूर्ण है और हमें उनके प्रति सदैव कृतज्ञ रहना चाहिए।

गुरु पूर्णिमा को विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है, जो भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह त्योहार गुरुओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है। इसे निम्नलिखित तरीकों से मनाया जाता है:

  1. गुरु पूजा: इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा-अराधना करते हैं। वे मंदिरों या अपने घर में गुरु की मूर्ति या चित्र के समक्ष पूजा करते हैं। पूजा में फूल, चादर, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाए जाते हैं।
  2. गुरु भजन और कीर्तन: इस दिन गुरुओं के गुणगान और महिमा गाने और सुनने की परंपरा है। लोग गुरु भजन गाते हैं और उनके गुणगान करते हैं।
  3. विशेष कार्यक्रम और समारोह: कई स्थानों पर गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विशेष कार्यक्रम और समारोह आयोजित किए जाते हैं। इनमें सम्मेलन, संगोष्ठी, साधु-संतों के प्रवचन, भागवत कथा आदि शामिल हो सकते हैं।
  4. शिक्षण और मार्गदर्शन: यह दिन शिष्य गुरु से ज्ञान प्राप्त करते हैं और उनके मार्गदर्शन में रहते हैं। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर लोग अपने गुरुओं से संदेश और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
  5. सेवा और दान: कई लोग इस दिन गुरुओं के नाम पर सेवा और दान करते हैं। वे गरीबों को भोजन, वस्त्र, धन, आदि देते हैं।

ये सभी तरीके हैं जिनसे लोग गुरु पूर्णिमा को मनाते हैं और अपने गुरुओं के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान को व्यक्त करते हैं और आप सभी स्वस्थ रहे |

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